Skip to main content

मनुष्य का वैज्ञानिक नाम क्या है ?

जैसा की हम जानते है मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। मनुष्य में समझदारी, विवेक, बुद्धि, विचारशीलता, स्वतंत्रता, संवेदनशीलता, सामाजिक जीवन, संबंध बनाने की क्षमता, भाषा का विकास आदि शामिल हैं।

मानव एक बहुत ही समझदार और बुद्धिमान प्राणी होते हैं, जो अपनी स्वतंत्रता के आधार पर अपने जीवन को अधिक सुखद और समृद्ध बनाने के लिए अनेक तरीकों से विकसित होते हैं।

आज की इस पोस्ट के माध्यम से आपको मनुष्य और उससे जुड़ी शुरूआती जानकारियाँ को आपके साथ साझा कर रहा हूँ। मुझे आशा और यकीन है की आपको यह जानकारियाँ अच्छी लगेगी।

मनुष्य का वैज्ञानिक नाम क्या है ?

मनुष्य का वैज्ञानिक नाम होमो सेपियन्स (Homo Sapiens) है। मानव प्रजाति को अंतर्जातीय रूप से विभाजित नहीं किया जाता है और सभी मानव समुदाय एक ही प्रजाति के अंतर्गत आते हैं।

मनुष्य की उत्पत्ति कैसे हुई ?

मनुष्य की उत्पत्ति की प्रक्रिया के बारे में कई मत है। लेकिन वैज्ञानिक तौर पर मनुष्य की उत्पत्ति प्राकृतिक चयन के कारण हुई है। इनकी उत्पत्ति के बारे कई धार्मिक और वैज्ञानिक सिद्धांत है।

डार्विन की प्रकृति चयन सिद्धांत के अनुसार, “मनुष्य की उत्पत्ति प्राचीन समय में प्राकृतिक चयन (natural selection) के कारण हुई है। “

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, मनुष्य की उत्पत्ति देवी – देवताओं के अनुसार हुई थी। कुछ ग्रंथों के अनुसार, मनुष्य का सृजन स्वयं ब्रह्मा जी ने किया था।

अब मनुष्य के विकास के चरण को देखते है –

1. प्रारंभिक मानव (Homo Habilis) : लगभग 2.8 मिलियन वर्ष पहले प्रारंभिक मानव की शुरुआत हुई। उनके शरीर और दिमाग का आकर हड्डियों और विकास के साथ बदला था। उनके हाथ बहुत शक्तिशाली थे और उनका उपयोग छोटे – छोटे पत्थर और उनसे औषधियों के टुकड़े निकलने के लिए होता था।

2. पुरानी मानव (Homo erectus) : लगभाग 2 मिलियन वर्ष पहले, पुरानी मानव का विकास हुआ। उनके शरीर के आकार में बड़े बदलाव हुए और उनके दिमाग का विकास हुआ। उनके हाथ और पैर का विकास हुआ और वे ढेर साड़ी चीजें बना सकते थे और यह मानव आग भी जला सकते थे।

3. निएंडरथल मैन (Homo neanderthalensis) : लगभाग 400,000 वर्ष पहले, निएंडरथल मानव का विकास हुआ। उनके शरीर और दिमाग में भी बदलाव आए। वे बड़ी हड्डी से बने शिखर और दंड बन सकते थे।

4. आधुनिक मानव (Homo Sapiens): लगभाग 200,000 वर्ष पहले, होमो सेपियन्स का विकास हुआ। उनके दिमाग का विकास काफी तेजी से हुआ और उनकी भाषा और कलाकरी का विकास हुआ। वे पत्थर से भी बहुत सारी काम की चीजे बना सकते थे और सामाजिक जीवन के साथ-साथ तेज़ से विकास करने लगे।

इसी प्रकार से, मनुष्य की विकास यात्रा चरण-दर-चरण बढ़ती रही है। उसके शरीर और दिमाग का विकास होता गया और उसकी कई तकनीकों और सांस्कृतिक विकास किया है।

Comments

Popular posts from this blog

कोलकाता की राजधानी क्या है? | Kolkata ki Rajdhani Kya Hai

Kolkata ki Rajdhani Kya Hai : कोलकाता (Kolkata) जिसे हम पहले कलकत्ता (Calcutta) के नाम से जानते थे, आज हम उसके राजधानी के बारे में जानने वाले है। कोलकाता, जो भारत देश के पूर्वी भाग में स्थित एक सुन्दर सा महानगर है। यह प्यारा सा शहर पश्चिम बंगाल में स्थित है। तो चलिए जानते है की कोलकाता की राजधानी क्या है? कोलकाता की राजधानी क्या है? | Kolkata ki Rajdhani Kya Hai कोलकाता की कोई राजधानी नहीं है क्योंकि कोलकाता स्वयं पश्चिम बंगाल की राजधानी है। कोलकाता का इतिहास बहुत ही समृद्ध और विविध भरा रहा है। क्या आपको पता है कोलकाता यानि की कलकत्ता सन 1772 से लेकर 1911 तक ब्रिटिश शासन में भारत की राजधानी थी। सन 1911 के बाद कोलकाता से नई दिल्ली भारत की राजधानी हो गई।

जानना चाहते हैं कि कॉल ब्रेक जनता के बीच इतना लोकप्रिय क्यों है? यहां पता करें

जानना चाहते हैं कि कॉल ब्रेक जनता के बीच इतना लोकप्रिय क्यों है? यहां पता करें ? ताश का खेल हमेशा प्रशंसकों के लिए काफी आकर्षक रहा है। विभिन्न तरीकों से खेलने के लिए 52 कार्डों के ढेर का उपयोग किया जा सकता है। ऐसा ही एक गेम है कॉल ब्रेक। यह जनता के बीच बेहद लोकप्रिय है, खासकर दक्षिण-एशियाई और यूरोपीय देशों में। समझने में आसान नियमों के साथ, यह गेम ऑफ़लाइन और ऑनलाइन खेला जाता है। कॉल ब्रेक युगों से कई देशों की सामाजिक संरचना का हिस्सा रहा है। डिजिटल प्लेटफॉर्म के आगमन के कारण इस गेम ने दुनिया भर में उल्लेखनीय कर्षण प्राप्त किया है।  ऐसे प्लेटफॉर्म वेब और मोबाइल एप के रूप में आते हैं। खिलाड़ी एक वर्चुअल टेबल पर मिल सकते हैं और रोमांच का आनंद लेने के लिए हाथ से खेल सकते हैं। कॉल ब्रेक की लोकप्रियता की कोई सीमा नहीं है? जैसा कि पहले बताया गया है,  कॉल ब्रेक गेम  के नियमों को समझना आसान है । पूरे डेक को चार खिलाड़ियों में बांटा गया है।  प्रत्येक खिलाड़ी को प्राप्त कार्डों को समझना होगा और अनुमान लगाना होगा कि वह कितने हाथ जीत सकता है।  उसके बाद उसे जीतने के लिए बोली लगानी होगी। महत्वपूर्ण न

गोल्डफिश का वैज्ञानिक नाम क्या है?

आपने किसी फिश टैंक में कुछ सुन्दर मछलियों को देखा जरूर होगा,किसी दोस्त या रिश्तेदार के घर पर। उनमें से कुछ मछलियों के नाम आपको पता होगा और कुछ का नहीं भी होगा। उसी Aquarium टैंक में अपने एक गोल्डन कलर की फिश देखी  होगी।  आज हम उसी मछली के बारे में जानने वाले है। उस मछली का नाम है – गोल्डफिश (Goldfish).  गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम क्या है? गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम  कैरासियस ऑराटस ( Carassius Auratus) है।  यह ताजे पानी में रहने वाली कॉर्प प्रजाति की मछली है। इस मछली को बहुत से देशों में पालते है और गोल्डफिश पालतू बनाए जाने वाली सबसे पहले मछली है। चीन में इस मछली को सबसे पहले पालतू के रूप में पाला गया था। Scientific Classification Kingdom Animalia Phylum Chordata Class Actinopterygii Order Cypriniformes Family Cyprinidae Subfamily Cyprininae Genus Carassius Species C. auratus Source –  Wikipedia गोल्डफिश का आकार कैसा होता है? गोल्डफिश की आकार की बात करे तो यह कुछ चीजों पर निर्भर करता है। अगर उसे छोटे एक्वेरियम में रखा जाता है तब उसका आकार 2.5 सेंटीमीटर से लेकर 5 सेंटीमीटर तक बढ़ सकता है।